Tesla in India: अमेरिका की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी Tesla (Tesla ) इस साल भारत के बाजार में अपनी एंट्री करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) नीति में कुछ बड़े बदलाव करने की योजना बना रही है, ताकि इस सेक्टर को और मजबूत किया जा सके और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारत को आकर्षक बाजार बनाया जा सके। इस आर्टिकल में हम Tesla की भारत में एंट्री और इसके साथ बदलने वाली ईवी नीति के बारे में विस्तार से जानेंगे।
Tesla का भारत में कदम
Tesla ने हाल ही में भारत में अपनी गतिविधियों को फिर से तेज कर दिया है। कंपनी ने भारत के विभिन्न शहरों में 13 से अधिक पदों के लिए भर्ती के विज्ञापन जारी किए हैं। यह कदम इस बात का संकेत है कि कंपनी जल्द ही भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की योजना बना रही है। खासकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और Tesla के सीईओ एलन मस्क के बीच हुई हालिया बैठक के बाद, Tesla की भारत में एंट्री को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। Tesla के इस कदम से यह साफ हो गया है कि कंपनी भारत में अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

भारत में ईवी सेक्टर की बढ़ती लोकप्रियता
भारत में पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी) का बाजार तेजी से बढ़ा है। भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। यही कारण है कि अब दुनिया की कई प्रमुख कंपनियां, जिनमें Tesla प्रमुख है, भारत में अपनी पैठ बनाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, वियतनाम की कंपनी विनफास्ट (VinFast) ने भी हाल ही में भारतीय बाजार में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को पेश किया है, और 2025 के ऑटो एक्सपो में उन्होंने अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का प्रदर्शन किया। इस सब के बीच, Tesla के भारत में कदम रखने को लेकर लोगों में खासा उत्साह है।
नई ईवी नीति और उसके बदलाव
भारत सरकार की नई ईवी नीति में कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं, जो खासतौर पर Tesla और अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों को आकर्षित करने के लिए इस नीति में संशोधन करने की योजना बना रही है। इस नीति के तहत कंपनियों को अपनी शुरुआत के दूसरे साल में 2,500 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर दिखाना अनिवार्य हो सकता है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर को और मजबूत करने के लिए सरकार आयात शुल्क में और छूट देने का विचार कर रही है। इससे भारत में Tesla जैसी बड़ी कंपनियों के लिए कारोबार शुरू करना और भी आसान हो जाएगा।
नई ईवी नीति कब लागू होगी?
नई संशोधित ईवी नीति को मार्च 2025 तक लागू किए जाने की उम्मीद है। इसके बाद, सरकार कंपनियों के आवेदन स्वीकार करना शुरू कर देगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार अगस्त 2025 तक मंजूरी दे सकती है और इसके बाद इलेक्ट्रिक वाहनों का आयात शुरू हो सकता है। इस नई नीति के लागू होने से भारत में ईवी का बाजार और भी अधिक मजबूत होगा और इससे ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा।
नई ईवी नीति के मुख्य बिंदु
भारत सरकार की नई ईवी नीति में कुछ खास बिंदु हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस नीति के तहत कंपनियों को भारत में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण प्लांट लगाने के लिए कम से कम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, कंपनियों को तीन साल के भीतर स्थानीय उत्पादन शुरू करना होगा और कम से कम 25 प्रतिशत घरेलू मूल्य संवर्धन (DVA) हासिल करना होगा। पांच साल के अंदर इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना होगा।
नई नीति के तहत आयात शुल्क को 15 प्रतिशत तक घटाया गया है, जिससे कंपनियों के लिए भारत में प्रवेश आसान होगा। यह नीति इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है, ताकि भारत वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन सके।
कंपनियों को मिलने वाले अवसर
नई ईवी नीति के तहत, सरकार का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की गति को तेज करना है। इसके अलावा, भारत को अंतरराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए एक आकर्षक बाजार बनाने की योजना है। Tesla और अन्य कंपनियों के लिए इस नीति के तहत भारत में व्यापार करना और भी सरल हो जाएगा, और इससे भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता बढ़ेगी।

कंक्लुजन
Tesla का भारत में कदम रखना इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव हो सकता है। सरकार की नई ईवी नीति के तहत किए गए बदलाव, खासकर आयात शुल्क में छूट और निवेश की शर्तें, भारत को एक आकर्षक बाजार बना सकते हैं। इसके अलावा, Tesla और अन्य कंपनियों को इस नीति से फायदें की उम्मीद है। आने वाले समय में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ सकता है, और इससे न केवल भारतीय ग्राहकों को लाभ होगा, बल्कि भारत को एक वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता के रूप में पहचान मिल सकती है।
इस सब के बीच, Tesla और अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का भारत में आना, भारतीय बाजार को और भी ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक बना सकता है, जिससे ग्राहकों को अधिक विकल्प और बेहतर तकनीक का लाभ मिलेगा।
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